दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए या नहीं?
क्या लक्ष्मी पूजन के बाद आरती नहीं करनी चाहिए?: शंकराचार्य का कहना है- ये पूजा को बाधित करने के लिए षड्यंत्र; जानें-महंत व ज्योतिषों की राय
दीपावली को लेकर कुछ ज्योतिषियों द्वारा सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि माता लक्ष्मी की आरती करना निषेध है। उनका मानना है कि आरती तब की जाती है जब किसी को विदा करना हो, और लक्ष्मी पूजन के बाद आरती करने से माता लक्ष्मी घर से विदा हो जाती हैं।
दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए या नहीं? इस मान्यता के अनुसार, दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा करते समय आरती करने से उनकी कृपा का नाश होता है। इसलिए, कई लोग इस दिन आरती करने से बचने की सलाह देते हैं। हालांकि, यह एक विचारधारा है, और कई भक्त इसे अपने श्रद्धा और विश्वास के अनुसार ही करते हैं।
षोडशोपचार विधि वाली पूजा में आरती का महत्व:
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अनुसार, षोडशोपचार पूजा एक महत्वपूर्ण पूजा विधि है, जिसमें 16 उपचार अर्पित किए जाते हैं। इस पूजा में भगवान की सभी वस्तुओं से पूजा की जाती है। जहां षोडशोपचार पूजा होती है, वहां आरती अनिवार्य है, क्योंकि यह पूजा का एक प्रमुख हिस्सा है।
इसके अलावा, एकोपचार और पंचोपचार पूजा भी की जाती है, जो साधक के आध्यात्मिक विकास और भक्ति में सहायक होती हैं। आरती का उद्देश्य भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करना है, जिससे पूजा का फल और भी बढ़ जाता है। लक्ष्मी जी के घर आने पर उनके स्वागत में आरती करते हैं
ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि जब भी किसी देवता को घर में विराजमान किया जाता है तो उनके सम्मान में पूजा के आखिरी में आरती करने की परंपरा है। दीपावली पर भी माता लक्ष्मी को विराजमान कर षोडशोपचार पूजा की जाती है। आखिरी में माता लक्ष्मी के आगमन पर आरती होती है, ताकि साल भर के लिए माता लक्ष्मी हमारे घर में निवास करें और आशीर्वाद बनाएं रखें।