हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej

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रतालिका तीज 2024 की तारीख: 6 सितंबर 2024

हरतालिका तीज 2024

 

हरतालिका तीज 2024  हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej पर पूजा करने के लिए विभिन्न शुभ मुहूर्त का विवरण निम्नलिखित है:

  • चर मुहूर्त (सुबह): 06:02 AM से 07:36 AM तक

  • लाभ मुहूर्त (सुबह): 07:36 AM से 09:10 AM तक

  • अमृत मुहूर्त (सुबह): 09:10 AM से 10:45 AM तक

  • शुभ मुहूर्त (दोपहर): 12:19 PM से 01:53 PM तक

  • चर मुहूर्त (शाम): 05:02 PM से 06:36 PM तक

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            पूजा की विधि

  1. सुबह की पूजा:

    • चर मुहूर्त: 06:02 AM से 07:36 AM तक

    • लाभ मुहूर्त: 07:36 AM से 09:10 AM तक

    • अमृत मुहूर्त: 09:10 AM से 10:45 AM तक

    आप इन समयावधियों में से किसी भी समय में पूजा कर सकते हैं।अमृत मुहूर्त सबसे अच्छा समय माना जाता है।

  2. दोपहर की पूजा:

    • शुभ मुहूर्त: 12:19 PM से 01:53 PM तक

    इस समय में भी पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

  3. शाम की पूजा:

    • चर मुहूर्त: 05:02 PM से 06:36 PM तक

    यह समय भी पूजा के लिए उपयुक्त है।

हरतालिका तीज की महत्ता

हरतालिका तीज विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो इस दिन निर्जल उपवास रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति और पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस बार तीज का पर्व विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह रवि योग, शुक्ल योग, और हस्त नक्षत्र के साथ आ रहा है, जो इसे अत्यंत शुभ मानते हैं।हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej

पूजा की विधि

  1. उपवास और व्रत: हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जल उपवास रखती हैं। दिनभर केवल फल-फूल का सेवन करती हैं और शाम को स्नान करके पूजा करती हैं। अगले दिन शनिवार को उपवास तोड़ा जाता है।

  2. पूजा का समय: सुबह पूजा का शुभ मुहूर्त 6:01 AM से 8:31 AM तक और शाम पूजा का शुभ मुहूर्त 5:25 PM से 6:37 PM तक होता है। इन समयावधियों में पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।

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  1. पूजा की सामग्री:

    • भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर
    • कलश: जल से भरा हुआ
    • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण
    • फूल: विशेषकर बेलपत्र और धतूरा
    • फल: नारियल, केला, सेब आदि
    • धूप और दीपक
    • रोली, चंदन, कुमकुम और हल्दी
    • पान के पत्ते और सुपारी
    • नैवेद्य: भोग के लिए मिठाई
    • सिंदूर और मेहंदी
    • व्रत कथा पुस्तक: हरतालिका तीज की कथा पढ़ने के लिए
    • आरती की थाली: दीपक, कपूर, और आरती की पुस्तक
    •      पूजा विधि:
      • स्नान और व्रत की शुरुआत: सुबह उठकर स्नान करें और व्रत की शुरुआत करें।

      • पूजा की तैयारी: उपयुक्त पूजा सामग्री तैयार करें।

      • पूजा की विधि: भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर पूजा करें। पंचामृत से अभिषेक करें, फूल अर्पित करें, और नैवेद्य भोग अर्पित करें।

      • आरती और व्रत कथा: आरती करें और व्रत कथा पढ़ें।

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हरतालिका तीज की कथा

हरतालिका तीज की कथा देवी पार्वती की भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए की गई कठिन तपस्या की कहानी पर आधारित है। पार्वती ने हिमालय में अपने पिता के घर से भागकर अपनी सखी के साथ जंगल में तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उनकी इच्छा पूरी की। इस दिन को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej

“हरतालिका” शब्द का अर्थ है “हरित” (हरना) और “आलिका” (सखी)। इसलिए इसे हरतालिका कहा जाता है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं ताकि उन्हें भी सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त हो।हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej

विशेष बातें

  • हरतालिका तीज पर समूहिक पूजन/महोत्सव: कई जगह पर सामूहिक पूजन और महोत्सव आयोजित किए जाते हैं, जहां महिलाएं मिलकर पूजा करती हैं। यह आयोजन स्थानीय मंदिरों या सामाजिक संगठनों द्वारा किया जाता है।

  • अन्य तीज की कथाएँ: यदि आप अन्य तीजों की कथाओं के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप भी पूछ सकते हैं। हरतालिका-तीज-2024-hartalika-teej

आप सभी को हरतालिका तीज की ढेर सारी शुभकामनाएँ! 🌸✨

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