हाई ब्लड प्रेशर जानकारी
हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) – विवरण और अधिक जानकारी
1. हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) क्या है?
ब्लड प्रेशर का मतलब है आपके दिल द्वारा आपके रक्त वाहिकाओं में रक्त का प्रवाह करते समय उत्पन्न होने वाला दबाव। जब रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है।
ब्लड प्रेशर को मापने के लिए दो मानकों का उपयोग किया जाता है:
- सिस्टोलिक दबाव: यह वह दबाव है जब दिल धड़कता है और रक्त को धमनियों में पंप करता है।
- डायस्टोलिक दबाव: यह वह दबाव है जब दिल आराम करता है और अगली धड़कन के लिए रक्त भरता है।
सामान्य ब्लड प्रेशर को 120/80 मिमीHg माना जाता है। अगर सिस्टोलिक दबाव 130 मिमीHg या उससे अधिक और डायस्टोलिक दबाव 80 मिमीHg या उससे अधिक हो, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है।
2. हाई ब्लड प्रेशर के कारण:
हाइपरटेंशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- आहार में नमक (सोडियम) की अधिकता: ज्यादा नमक खाने से रक्त का दबाव बढ़ सकता है।
- अधिक वजन: ओवरवेट होना हाइपरटेंशन का एक प्रमुख कारण है।
- तनाव: लंबे समय तक तनाव में रहना रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
- व्यायाम की कमी: शारीरिक सक्रियता की कमी से वजन बढ़ता है और रक्तचाप पर दबाव पड़ता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन: तंबाकू और शराब का सेवन भी रक्तचाप बढ़ा सकता है।
- आनुवंशिक कारण: हाइपरटेंशन का परिवार में इतिहास होने पर भी इसे होने की संभावना अधिक होती है।
- उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रक्तचाप बढ़ने की संभावना भी बढ़ती है।
- दीर्घकालिक बीमारियाँ: जैसे किडनी की बीमारियां, डायबिटीज़ और कुछ हार्मोनल असंतुलन भी हाइपरटेंशन के कारण हो सकते हैं।
3. हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण:
हाइपरटेंशन को “साइलेंट किलर” कहा जाता है क्योंकि इसमें शुरुआती दौर में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। हालांकि, अगर यह अधिक बढ़ जाए, तो निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:हाई ब्लड प्रेशर जानकारी
- सिरदर्द
- चक्कर आना या dizziness
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- धुंधला या डबल दृष्टि
- नाक से खून आना
- थकावट या कमजोरी महसूस होना
4. हाई ब्लड प्रेशर के प्रभाव:
हाइपरटेंशन का अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे:
- हृदय रोग: हाइपरटेंशन से दिल पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे हृदय गति रुकने, दिल का दौरा (heart attack) या दिल की विफलता (heart failure) हो सकती है।
- स्ट्रोक: ज्यादा रक्तचाप मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- गुर्दे की बीमारी: उच्च रक्तचाप गुर्दे की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे किडनी फेलियर का खतरा हो सकता है।
- दृष्टि हानि: हाइपरटेंशन आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दृष्टि धुंधली या पूरी तरह से चली जा सकती है।
5. हाई ब्लड प्रेशर का इलाज:हाई ब्लड प्रेशर जानकारी
हाइपरटेंशन का इलाज आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव और दवाओं से किया जाता है:
- जीवनशैली में बदलाव:हाई ब्लड प्रेशर जानकारी
- संतुलित आहार (कम सोडियम, उच्च पोटेशियम)
- नियमित शारीरिक व्यायाम
- वजन घटाना
- तनाव को नियंत्रित करना (योग, ध्यान, गहरी साँसें)
- शराब और तंबाकू से बचना
- पर्याप्त नींद लेना
- दवाइयाँ: उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए डॉक्टर विभिन्न प्रकार की दवाइयाँ लिख सकते हैं, जैसे:
- एसीई इनहिबिटर्स (जैसे एन्हिल, लिज़िनोप्रिल)
- एंटी-हाइपरटेंशिव ड्रग्स (जैसे एंलोक्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स)
- डाययूरेटिक्स (पानी निकालने वाली दवाएं)
- बीटा-ब्लॉकर्स (जैसे एटेनोलोल)
6. हाई ब्लड प्रेशर को कैसे नियंत्रित करें:
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जाँच करवाना।
- संतुलित आहार, व्यायाम, और तनाव नियंत्रण की आदतें अपनाना।
- दवाइयों का सही तरीके से सेवन करना।
- रोज़ाना रीडिंग और डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना।
हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है,हाई ब्लड प्रेशर जानकारी लेकिन इसे जीवनशैली में सुधार और डॉक्टर की सलाह से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह जीवन-threatening समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, लेकिन समय रहते ध्यान देने और इलाज करने से इससे बचा जा सकता है।
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