Allu Arjun becomes India’s highest paid actor
Allu Arjun becomes India’s highest paid actor बदलते हुए दौर में सफलता के सूत्र: अल्लू अर्जुन की प्रेरणा
बिना मोटिवेशन खुद को बदलना संभव नहीं।
बदलाव से हम बेहतर बनते हैं, और हमें वह करना चाहिए, जो दिल से पसंद हो। सफलता कोई व्यक्तिगत यात्रा नहीं है। यह पूरी टीम की सामूहिक मेहनत का परिणाम है। अगर हम अपनी मेहनत में जुनून डालें, तो परिणाम सोने पर सुहागा होंगे।
Allu Arjun becomes India’s highest paid actor आप जो भी करें, उसमें अपना 100 प्रतिशत दें।बाकी सब कुछ खुद-ब-खुद होगा। अपनी सफलता को टीम की सफलता मानें तो आपके व्यक्तित्व में बदलाव नहीं आएगा, और आप विनम्र बने रहेंगे। हमेशा अपनी जड़ें याद रखें और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
विनम्र रहेंगे तो आप हमेशा सीखते रहेंगे।
सीखना कभी बंद न करें, और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें। बेहतर के लिए खुद को बदलें। बिना मोटिवेशन यह संभव नहीं है। सफल होना काम करने वाले की नीयत पर निर्भर करता है।
अगर आपकी नीयत सिर्फ दर्शकों को मनोरंजन देने की है, तो आप कभी सफल नहीं हो सकते।
नीति, जुनून और अनुशासन के बिना सफलता नहीं मिल सकती। अनुशासन और ध्यान केंद्रित करने से ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने काम और खुद के प्रति कितने सच्चे हैं।
सच्चाई हर चीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अपने काम को कभी प्रदूषित न करें। जितनी जरूरत हो, उतना बदलाव ठीक है, लेकिन ईमानदारी और सच्चाई का फल ही अंत में आपको मिलती है।
हम किसी और की तरह बनने की कोशिश नहीं कर रहे थे, हम वही थे जो हम हैं।
सौभाग्य है कि एक अलग राज्य से आने वाले अभिनेता को देशभर में इतना जबरदस्त स्वागत मिला है। और यही ईमानदारी है, जो लोगों को आकर्षित करती है।
जो थम गया, वह हार गया।
विरासत या अहंकार से कभी कुछ हासिल नहीं होता। हर असफलता एक शानदार वापसी की तैयारी होती है। इसलिए अपनी असफलताओं से कभी निराश न हों, उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के कदमों के रूप में देखें।
हार का उपयोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करें।
बिना रुके लगातार आगे बढ़ते रहिए और फिर देखिए कि सफलता आपके कदम चूमेगी। जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहना जरूरी है। जो थम गया, वह बिना कोशिश किए ही हार गया।
Allu Arjun becomes India’s highest paid actor विरासत में विश्वास नहीं करना चाहिए।
विरासत का कोई ताज नहीं होता, जिसे आगे बढ़ा दिया जाए। हमें अपनी राह खुद बनानी होती है। विरासत की बात हमारे मृत्यु के बाद होगी, इसलिए हर किसी को अपनी मेहनत और योगदान के लिए जाना जाएगा।
सोचें कि हम दूसरों की मदद कैसे कर सकते हैं और अपने आसपास की दुनिया को कैसे बेहतर बना सकते हैं।
बाकी चीजें तो अपने आप ही पीछे-पीछे आ जाएंगी।
आपका मुकाबला सिर्फ अपने आप से होना चाहिए।
आपको हर दिन अपनी पिछली बार से बेहतर होना चाहिए। अपने काम के प्रति ईमानदार रहकर आप सच्चाई को हमेशा अपने काम में प्रमुख भूमिका में रखें।
केवल दर्शक मत बनिए, रिस्क लीजिए, गलतियां कीजिए।
उनसे सीखिए और फिर आगे बढ़िए। अपने आप पर यकीन रखें, भले ही कोई भी आप पर विश्वास न करता हो।
आपका मुकाबला खुद से होना चाहिए।
हर बार पिछली दफा से बेहतर होने के लिए। आपके अच्छे विचार और कर्म किसी न किसी तरीके से लौटकर वापस आते हैं।
आपकी मेहनत और ईमानदारी ही आपको सही दिशा में लेकर जाएगी।
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