Bhai Dooj kab hai? 2024 भाई दूज कब है,भाई दूज का त्योहार पंचांग के अनुसार जानें सही तारीख और भाई दूज
Bhai Dooj kab hai? 2024
: तिथि और शुभ मुहूर्त
भाई दूज का पावन पर्व 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है, जब बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।

तिलक का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष भाई दूज पर तिलक करने का शुभ समय दोपहर 01:10 बजे से 03:22 बजे तक है। इस अवधि में 2 घंटे और 12 मिनट का शुभ मुहूर्त उपलब्ध है, जो इस पर्व की विशेषता को और बढ़ा देता है।
पर्व की परंपराएं
भाई दूज के दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर उनके द्वारा बनाए गए भोजन का आनंद लेते हैं। इसके साथ ही, बहनें अपने भाइयों को द्रव्य, वस्त्र और अन्य उपहार देकर उनका सम्मान करती हैं। यह परंपरा भाइयों की आयु और यश कीर्ति को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अन्य पूजा विधियाँ
भाई दूज पर चित्रगुप्त भगवान और कलम दवात की पूजा भी की जाती है। यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि परिवार में प्रेम और एकता को भी बढ़ावा देता है।
भाई दूज, जिसे भाई दूज या भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते को मनाने के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्यतः भारत में कार्तिक मास की द्वादशी तिथि को, दीपावली के दूसरे दिन, बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता
भाई दूज की एक महत्वपूर्ण मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे। यमुनाजी ने अपने भाई को तिलक कर उन्हें भोजन पर आमंत्रित किया। इस अवसर पर यमराज ने अपनी बहन से वादा किया कि जो बहन इस दिन अपने भाई का तिलक करेगी, उसके भाई की उम्र लंबी होगी। इस कथा के माध्यम से यह पर्व भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक बन गया है।
पर्व का महत्व
भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं और उन्हें मिठाई और उपहार देती हैं। यह एक प्रकार का बंधन है जो भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी सुरक्षा और खुशी की कामना करते हैं। इस दिन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक भी है।

समारोह की विधि
- तिलक समारोह: बहनें अपने भाइयों का तिलक करती हैं, जिसमें वे उन्हें आशीर्वाद देती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
- विशेष भोजन: इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष भोजन तैयार करती हैं। कई जगहों पर बहनें अपने भाइयों को खाना खिलाती हैं, जो इस पर्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- उपहारों का आदान-प्रदान: भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उन्हें खुश करते हैं। यह उपहार भले ही छोटा हो, लेकिन इसका भावनात्मक महत्व होता है।
सामाजिक पहलू
भाई दूज केवल एक पारिवारिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को समझाने का अवसर भी है। यह पर्व हमें सिखाता है कि रिश्तों में प्यार और स्नेह कितना महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा अवसर है जब भाई-बहन अपनी व्यस्त ज़िंदगी से समय निकालकर एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं और अपने रिश्ते को और भी मजबूत बनाते हैं।
इस वर्ष भाई दूज पर की जाने वाली सभी रस्मों को निभाकर अपने रिश्तों को और भी गहरा बनाएं।
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