Lidia Thorpe
ऑस्ट्रेलियाई स्वतंत्र सीनेटर लिडिया थॉर्प ने पीटर डटन द्वारा उनके इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि
Lidia Thorpe वह पुनः चुनाव के लिए नहीं, बल्कि न्याय के लिए लड़ रही हैं। थॉर्प, जो ब्लैक संप्रभुता आंदोलन की प्रमुख समर्थक हैं, ने बार-बार आदिवासी अधिकारों और संसद में एक समझौते की वकालत की है।
उन्होंने 2023 की शुरुआत में ग्रीन पार्टी से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि पार्टी के साथ उनकी असहमति थी, खासकर Indigenous Voice to Parliament के मुद्दे पर।
Lidia Thorpe का कहना है कि उनकी राजनीतिक यात्रा का मकसद केवल अपनी सीट को बनाए रखना नहीं है, बल्कि वे न्याय और बदलाव के लिए लड़ रही हैं, खासकर देश के प्रथम राष्ट्र के लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए।
स्वतंत्र सीनेटर लिडिया थॉर्प, जिन्होंने किंग चार्ल्स पर आदिवासी अन्याय के मुद्दे पर सवाल उठाकर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, का कहना है कि लोगों को “सच बोलने” की आदत डालनी चाहिए। थॉर्प, जो ऑस्ट्रेलिया में प्रथम राष्ट्रों के अधिकारों के लिए मुखर रही हैं, ने राजा को उनके पूर्वजों द्वारा किए गए औपनिवेशिक अन्याय के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों को उजागर करना आवश्यक है और यह न्याय की दिशा में उठाया गया एक कदम है।
उनकी इस टिप्पणी ने काफी विवाद पैदा किया, लेकिन थॉर्प अपने रुख पर अडिग हैं कि सच्चाई को सामने लाना बेहद जरूरी है, चाहे वह कितना भी असहज क्यों न हो।
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