Navratri pooja vidhi
नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है,
जो तपस्या और भक्ति की देवी मानी जाती हैं। यहाँ पूजा विधि की विस्तृत जानकारी दी गई है:
उच्चारण करें।
मंत्र
प्रार्थना:
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलु
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
पूजा मंत्र:
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
स्तुति:Navratri pooja vidhi
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा ज्ञान, बुद्धि और शक्ति के लिए की जाती है। वह पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं, और उनका कठोर तपस्या ध्यान और भक्ति के महत्व को दर्शाता है।
स्नान और तैयारी: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पंचामृत स्नान: माँ को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं। इसके बाद साफ पानी से स्नान कराएं।
पूजा सामग्री: पूजा के लिए चंदन, अक्षत (चावल), इलायची, मिश्री, रोली, लौंग, और सफेद फूल तैयार रखें। माँ को कमल या अड़हुल का फूल भी चढ़ाएं।
दीप प्रज्वलन: घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती प्रज्वलित करें। पूजा स्थल को रोशनी से सजाएं।
मंत्र जाप: माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्र का जाप करें:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
भोग: माँ को चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं। माँ को सफेद वस्त्र और सुगंधित फूल चढ़ाएं। भोग में फल, मिठाई और नारियल भी शामिल करें।
आरती: अंत में माँ की आरती करें और प्रसाद वितरित करें। आरती के दौरान घंटी और शंख बजाएं।
प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करें और खुद भी ग्रहण करें।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को तप, संयम और त्याग की शक्ति मिलती है। यह पूजा जीवन में शांति, समृद्धि और सुख लाती है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनने का भी विशेष महत्व है, जो प्रकृति और शांति का प्रतीक है.नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यहाँ पूजा विधि और मंत्र दिए गए हैं:
पूजा विधि Navratri pooja vidhi
सफाई और सजावट: पूजा स्थल को साफ करें और फूलों और रंगोली से सजाएं।
मूर्ति स्थापना: माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र को एक साफ स्थान पर रखें।
प्रसाद: फूल, फल, मिठाई और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
दीप जलाना: दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
मंत्र जाप: निम्नलिखित मंत्रों और प्रार्थनाओं का श्रद्धा से