Paralympic Games Paris 2024 में हरविंदर सिंह ने भारत के लिए चौथा स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
Paralympic Games Paris 2024 यह उनकी उत्कृष्टता और दृढ़ संकल्प का
प्रमाण है कि वे विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में सफल रहे हैं। उनकी इस उपलब्धि पर हमें गर्व है और यह भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
भारत के खाते में अब कुल 22 पदक हो गए हैं, जिनमें 4 स्वर्ण, 8 रजत और 10 कांस्य पदक शामिल हैं। पैरालंपिक के इतिहास में यह पहली बार है जब भारत ने तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता है। हरविंदर सिंह ने अपने अभियान की शुरुआत चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई को 7-3 से हराकर की थी।
इसके बाद, उन्होंने प्री क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया के सेतियावान सेतियावान को 6-2 से मात दी। Paralympic Games Paris 2024 क्वार्टरफाइनल में, हरविंदर ने कोलंबिया के हेक्टर जूलियो रमीरेज को 6-2 से हराया। सेमीफाइनल में, उन्होंने ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।
Paralympic Games Paris 2024 पैरालिंपिक में भारत के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है, और आधी रात को भारत के लिए एक और अच्छी खबर मिली है। तीरंदाज हरविंदर सिंह ने गोल्ड मेडल जीतकर भारत की मेडल टैली में एक और उपलब्धि जोड़ी है।
हरविंदर ने तीरंदाजी के फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिजेक को शानदार तरीके से हराया। उन्होंने पोलैंड के खिलाड़ी को 6-0 से हराकर गोल्ड पर कब्जा किया है। यह जीत भारत के लिए बहुत गर्व का पल है और हरविंदर की मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।
हरविंदर सिंह की इस उपलब्धि के पीछे उनके पिता की अहम भूमिका रही है। 2018 में जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में गोल्ड जीतने के बाद, कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन हो गया था। लेकिन उनके पिता ने हार नहीं मानी और अपने खेत में ही तीरंदाजी रेंज बना दी, जिससे हरविंदर को अपनी प्रैक्टिस जारी रखने में मदद मिली।
उनकी इस मेहनत का फल अब पेरिस में मिला है, जहां उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर भारत का परचम लहराया है। यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और पिता के समर्थन का परिणाम है।
हरविंदर सिंह को बधाई, जिन्होंने पैरालंपिक 2024 में भारत का चौथा स्वर्ण पदक जीता! हरविंदर सिंह की तीरंदाजी में शानदार जीत उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है
उन्होंने फाइनल में पोलैंड के लुकाज स्ज़ेस्नी को 6-0 से हराकर जीत हासिल की। यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक मील का पत्थर है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी भारतीय ने पैरालंपिक में तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता है। हरविंदर की सफलता की यात्रा कई लोगों के लिए प्रेरणा है, और उनकी जीत ने देश को गर्व से भर दिया है।
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