Revenue Guidance from EV Charger Business Stock: नवंबर में वैश्विक ईवी बिक्री ने तोड़े रिकॉर्ड
Revenue Guidance from EV Charger Business Stock:
इस साल नवंबर तक दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। जनवरी से नवंबर के बीच 1.52 करोड़ ईवी बिके, जो पिछले साल की तुलना में 25% अधिक है। इस तेजी का कारण चौथी तिमाही में ईवी की बढ़ती मांग है। अकेले नवंबर में 18 लाख ईवी बेचे गए, जो अक्टूबर की तुलना में 1 लाख अधिक हैं।
वैश्विक स्तर पर ईवी बिक्री का वितरण
चीन:13 लाख कारें (63% हिस्सेदारी, सालाना 18% वृद्धि)
अमेरिका और कनाडा: 10% वृद्धि के साथ 16 लाख कारें
यूरोप:3% गिरावट के साथ 27 लाख कारें
बाकी दुनिया: 25% वृद्धि के साथ 11 लाख कारें
भारत में ईवी बिक्री का प्रदर्शन
भारत में जनवरी से नवंबर 2024 तक 89,557 ई-कारें बेची गईं, जो पिछले साल की तुलना में 8.5% अधिक है। दिसंबर में 10,500 और कारें बिकने की उम्मीद है, जिससे पहली बार सालाना बिक्री 1 लाख का आंकड़ा पार कर सकती है।
कंपनियों का प्रदर्शन (भारत)
टाटा मोटर्स: 57,084 ई-कारें बेचीं, 3.88% वृद्धि।
एमजी मोटर्स:17,614 कारें बेचीं, 106.5% वृद्धि।
महिंद्रा एंड महिंद्रा: 6,685 कारें बेचीं, 87.09% वृद्धि।
अन्य प्रमुख कंपनियों में बीवाईडी इंडिया (2,487), सिट्रोएन (1,794), हुंडई (889), और किआ (323) शामिल हैं।
यूरोप में गिरावट, लेकिन ब्रिटेन में सकारात्मक संकेत
यूरोप में कुल ईवी बिक्री में 3% की कमी आई। हालांकि, ब्रिटेन ने जीरो-उत्सर्जन नीति के तहत 17% की वृद्धि दर्ज की। इसके विपरीत, जर्मनी, फ्रांस, और इटली जैसे बड़े बाजारों में गिरावट का रुझान है।
चीन ने नवंबर में 13 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचे, जो अक्टूबर से 50,000 अधिक हैं। अमेरिका में 10% की वार्षिक वृद्धि के साथ बिक्री में तेजी देखी जा रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कर छूट समाप्त करने के निर्णय से भविष्य में मांग प्रभावित हो सकती है।
एमजी मोटर्स और अन्य कंपनियों की तेज वृद्धि के पीछे उपभोक्ताओं के लिए लचीली कीमत और बैटरी विकल्प महत्वपूर्ण कारण हैं। उदाहरण के लिए, एमजी ने अपने “विंडसर मॉडल” में बैटरी को अलग से उपलब्ध कराना शुरू किया है, जिससे ग्राहक कम कीमत में वाहन खरीद सकते हैं और बैटरी का उपयोग किमी के हिसाब से कर सकते हैं।
नवंबर का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर वैश्विक झुकाव बढ़ रहा है, जिसमें चीन का नेतृत्व और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं का योगदान महत्वपूर्ण है।