Saraswati Puja 2025: बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा का महत्व
सरस्वती पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दिन ज्ञान, विद्या, संगीत, कला और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

Saraswati Puja 2025: बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन कुछ विशेष योग बन रहे हैं, जिनमें सरस्वती पूजन करने से ज्ञान, यश और धन की प्राप्ति होती है।
शुभ योग एवं पूजा का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 09 मिनट से अगले दिन मध्य रात्रि 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। अमृत काल रात 08 बजकर 24 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 55 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग – इस योग में किया गया कोई भी कार्य सफलता दिलाता है।
अमृत सिद्धि योग – इस योग में की गई पूजा से विद्या और बुद्धि का विकास होता है।
गुरु पुष्य योग – यह गुरु ग्रह से जुड़ा होने के कारण समृद्धि और ज्ञानवर्धक होता है।
रवि योग – नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सफलता दिलाने वाला योग है।
सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
सरस्वती माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
पीले फूल, हल्दी, चंदन और मिष्ठान का भोग लगाएं।
विद्यार्थियों को इस दिन किताबों की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन क्या करें और क्या न करें
विद्या और कला से जुड़े नए कार्यों की शुरुआत करें।
वाद-विवाद और क्रोध से बचें।
काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
पेड़ों को न काटें, बल्कि पौधारोपण करें।
मां सरस्वती पूजा मंत्र
1. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः।।
2. ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।।
3. ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।।
इस शुभ योग में सरस्वती पूजन करने से ज्ञान, विद्या, और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।