Steve Smith only behind Ricky Ponting now
स्टीव स्मिथ ने हाल ही में स्टीव वॉ को पीछे छोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतकों की सूची में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। स्मिथ के अब 33 टेस्ट शतक हो गए हैं, जबकि स्टीव वॉ के नाम 32 शतक थे।
Steve Smith ने रविवार, 15 दिसंबर को अपना 33वां टेस्ट शतक लगाया, जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतकों की सूची में स्टीव वॉ (32 शतक) को पीछे छोड़ दिया।
अब स्मिथ ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक बनाने वाले खिलाड़ियों में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। इस सूची में पहले स्थान पर रिकी पोंटिंग हैं, जिनके नाम 41 शतक हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक का रिकॉर्ड अभी भी रिकी पोंटिंग के नाम है, जिन्होंने 41 शतक बनाए हैं।
Steve Smith का यह कारनामा उनकी निरंतरता और टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाता है। वह आधुनिक युग के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक बन गए हैं।
स्टीव स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा शतकों की सूची में दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। स्मिथ ने अपना 33वां टेस्ट शतक बनाकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ (32 शतक) को पीछे छोड़ दिया है।
रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा 41 टेस्ट शतक बनाए हैं। उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू 1995 में किया था और कुल 168 टेस्ट मैच खेले।
पोंटिंग का करियर उनकी शानदार तकनीक और कप्तानी के लिए जाना जाता है। वह न केवल टेस्ट क्रिकेट में बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं।
इस उपलब्धि के साथ, स्मिथ अब रिकी पोंटिंग (41 शतक) के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट शतक बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। यह उनकी निरंतरता और टेस्ट क्रिकेट में महानता का एक और प्रमाण है।
Steve Smith ने ब्रिस्बेन में अपने 33वें टेस्ट शतक के साथ सही समय पर फॉर्म में वापसी कर एक बड़ा बयान दिया। हालिया खराब फॉर्म के बीच उनकी इस पारी ने उन्हें फिर से शिखर पर पहुंचा दिया। ट्रैविस हेड ने अपने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी जारी रखी, जबकि स्मिथ ने एंकर की भूमिका निभाई। दोनों ने मिलकर 241 रनों की साझेदारी की।
स्मिथ ने संयम बरतते हुए धैर्य के साथ बल्लेबाजी की और एक आदर्श टेस्ट पारी खेली, जो क्रिकेट की पाठ्यपुस्तकों से सीखी गई लगती है। उनकी 101 रन की पारी (190 गेंदों में) में क्लास, बैलेंस, तकनीक और एलेगेंस का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला। यह पारी उनके अनुभव और टेस्ट क्रिकेट में महारथ का प्रतीक है।