What are follow-on rules?

What are follow-on rules?
तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। भारत की पहली पारी में शीर्ष क्रम के पतन के बाद, भारतीय टीम इस समय संघर्ष कर रही है और एक मजबूत साझेदारी बनाने की कोशिश में लगी हुई है।

What are follow-on rules?
What are follow-on rules?

What are follow-on rules? भारतीय बल्लेबाजों पर बड़ी जिम्मेदारी है कि वे टीम को इस मुश्किल स्थिति से निकालें और मैच में टिके रहें। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज लगातार दबाव बना रहे हैं और जल्दी विकेट निकालने की फिराक में हैं। मैच का यह चरण काफी अहम है क्योंकि यह तय करेगा कि भारत वापसी कर पाएगा या नहीं।

बारिश ने खेल में कई बार खलल डाला है, लेकिन भारत को फॉलो-ऑन से बचने के लिए कम से कम 246 रन बनाने की जरूरत है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज इस समय काफी आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं, वहीं भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव है कि वे टिककर खेलें और टीम को फॉलो-ऑन से बचाएं।

बारिश की रुकावटों के चलते खेल की लय प्रभावित हुई है, लेकिन भारतीय टीम के लिए यह मौका है कि वे विकेट बचाकर धीरे-धीरे स्कोर की ओर बढ़ें। इस मैच का चौथा दिन निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि अगर भारत फॉलो-ऑन टालने में सफल होता है, तो यह उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।

फॉलो-ऑन क्रिकेट का एक नियम है जो टेस्ट मैच या प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लागू होता है। यह तब होता है जब पहली पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम दूसरी टीम से एक निश्चित अंतर से पीछे रह जाती है। इस स्थिति में, विपक्षी टीम के कप्तान को यह अधिकार होता है कि वह पहली टीम को दोबारा बल्लेबाजी के लिए कहे।

What are follow-on rules? फॉलो-ऑन का नियम

रन का अंतर: टेस्ट मैचों में, यदि पहली बल्लेबाजी करने वाली टीम दूसरी टीम के स्कोर से 200 रन या अधिक पीछे रह जाती है (यह 5 दिन के मैचों पर लागू होता है)।

मैच की अवधि के आधार पर यह रन अंतर घटाया भी जा सकता है।
कप्तान का निर्णय: दूसरी टीम का कप्तान यह तय करता है कि वह विपक्षी टीम को तुरंत दूसरी पारी खेलने के लिए कहेगा या पहले खुद बल्लेबाजी करेगा।
फॉलो-ऑन क्यों दिया जाता है?
विपक्षी टीम पर दबाव डालने के लिए।
समय की बचत कर मैच को जल्दी खत्म करने का प्रयास।
पिच की खराब होती स्थिति का फायदा उठाना।
उदाहरण
अगर टीम A ने पहली पारी में 500 रन बनाए और टीम B सिर्फ 250 रन बना पाई, तो टीम A का कप्तान टीम B को फॉलो-ऑन खेलने के लिए कह सकता है, क्योंकि टीम B 200 रन पीछे है।
फॉलो-ऑन लागू होने पर टीम B को लगातार दूसरी पारी खेलनी होगी।

ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत पर फॉलो-ऑन लागू न करने के पीछे कुछ अहम कारण हो सकते हैं:

  1. समय की कमी:
    मैच का अधिकांश हिस्सा बारिश और खराब मौसम के कारण बाधित रहा है। ऐसे में सिर्फ एक दिन का खेल बचा है। फॉलो-ऑन लागू करने का मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया को भारतीय टीम को दोबारा बल्लेबाजी करानी होगी और फिर खुद दूसरी पारी में खेलकर जीत के लिए रन चेज़ करने का समय निकालना होगा।
  2. पिच की थकावट:
    टेस्ट मैच के आखिरी दिन पिच की स्थिति खराब हो जाती है और बल्लेबाजी करना मुश्किल हो जाता है। यदि ऑस्ट्रेलिया पहले खुद बल्लेबाजी कर ले और भारत को अंतिम सत्रों में बल्लेबाजी के लिए उतारे, तो उनके पास जीत का बेहतर मौका रहेगा।
  3. बॉलर्स को आराम:
    लगातार गेंदबाजी करने से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर अतिरिक्त दबाव आ सकता है। अगर फॉलो-ऑन न देकर वे पहले बल्लेबाजी करते हैं, तो इससे गेंदबाजों को आराम का समय मिलेगा।
  4. भारत का संघर्ष:
    भारत धीरे-धीरे फॉलो-ऑन से बचने के लिए जरूरी रन बना रहा है। यदि भारत फॉलो-ऑन को टाल देता है, तो ऑस्ट्रेलिया के पास खुद बल्लेबाजी कर एक मजबूत लीड बनाने और फिर भारत को चुनौती देने का विकल्प रहेगा।
  5. मौसम की अनिश्चितता:
    बारिश की बार-बार रुकावट से खेल में निरंतरता नहीं रही है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सुरक्षित खेलना चाहेगा और अपने हिसाब से मैच का नियंत्रण बनाए रखना पसंद करेगा।

इन परिस्थितियों में, ऑस्ट्रेलिया का फॉलो-ऑन लागू न करना एक रणनीतिक फैसला हो सकता है ताकि वे मैच के परिणाम की ओर बेहतर तरीके से बढ़ सकें।

 

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